Contact: +91-9711224068
International Journal of Home Science
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor: Impact Factor(RJIF): 5.3

International Journal of Home Science

2023, VOL. 9 ISSUE 2, PART C

मातृ मृत्यु दर एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता : एक अध्ययन पटना शहर के संदर्भ में

Author(s): à¤¸à¤‚चिता गौड़, डॉ० वंदना सिंह
Abstract:
गर्भावस्था और प्रसव प्राकृतिक क्रियायें है जो महिलाओं को माँ बनने का सौभाग्य एवं आदरणीय स्थान प्रदान करती है फिर भी यह देखा जाता है कि गर्भधारण एवं प्रसव की प्रक्रिया में कुछ ना कुछ महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। विज्ञान की स्थिति आते-आते तक इस संबंध में अनेक शोध हो चुके हैं। जिससे अनेक कारणों का पता चला है और कारणों का पता चलने पर उनके उपचार का उपाय भी किया गया। हालांकि इस दिशा में और शोध की आवश्यकता है। मातृ मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण जो गाँवों में देखा जाता था। शिशु का प्रजनन मार्ग में अटक जाना। जिसे गाँवों की दाईयाँ अपनी कुशलता से उसे दूर करने की कोशिश करती थी जो नहीं हो पाता था इसलिए सिजेरियन आपरेशन, सी-सेक्शन का अविष्कार किया गया। इस प्रकार अगर प्रजनन मार्ग संकीर्ण हो या किसी प्रकार रूकावट हो तो पेट के रास्ते से चिड़ा लगाकर कुशलतापूर्वक संतान को निकाला जा सकता है। निश्चय रूप से यह एक अत्यन्त ही जटिल प्रक्रिया है जो गाँवों में अथवा कम शिक्षित चिकित्सकों के द्वारा संभव नहीं है इसके लिए बहुत कुशल प्रशिक्षित चिकित्सकों से युक्त अस्पतालों की कमी के कारण आज भी मातृ मृत्यु हो जाती है। मातृ मृत्यु का एक अन्य कारण पोषण है, पोषण से मतलब है कुछ तो महिलाएँ जानकारी की कमी के कारण उचित पोषणयुक्त भोज्य पदार्थ नहीं लेती है तो कुछ महिलाएँ भेदभाव की प्रवृति तथा गरीबी के कारण उच्च कैलोरीयुक्त पदार्थ नहीं ले पाती है जिसकी वजह से वह कुपोषण का शिकार हो जाती है, जिसका प्रभाव उनपर और बच्चे पर भी पड़ता है। एनीमिया हो जाने के कारण प्रसव के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है। मातृ मृत्यु को रोकने की दिशा में सबसे धु्रवीय व्यवस्था है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या इसके शाखाओं द्वारा प्रसवपूर्व जाँच करना तथा जाँच के दौरान टिटनस का टीकाकरण, हेमोग्लोबिन की जाँच करके आवश्यकता अनुसार लौह गोलियाँ विटामिन, कैल्शियम की गोलियाँ प्रदान करना। अनेक राज्यों में अगर सरकारी व्यवस्थाएँ अच्छी है तो इसकी आपूर्ति महिलाओं को हो जाती है। किन्तु बिहार में अभी भी राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवा इस प्रकार की नहीं हो पाई है कि हर गर्भवती महिला तक इसकी पहुँच हो इसके परिणामस्वरूप प्रसवपूर्व जाँच भी सम्पूर्ण नहीं हो पाता है और अनेक तरह की बीमारियाँ पकड़ में नहीं आ पाती है इस वजह से माता तथा शिशु दोनों की अथवा किसी एक की मृत्यु हो जाती है।
Pages: 149-153  |  171 Views  70 Downloads
How to cite this article:
संचिता गौड़, डॉ० वंदना सिंह. मातृ मृत्यु दर एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता : एक अध्ययन पटना शहर के संदर्भ में. Int J Home Sci 2023;9(2):149-153.

International Journal of Home Science
Call for book chapter