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2023, VOL. 9 ISSUE 1, PART A

सामान्य बच्चे एवम् बाल अपराधी बच्चों (6-12 वर्ष) के सामाजिक-सांवेगिक विकास का अध्ययन

Author(s): à¤®à¥ƒà¤¦à¥à¤²à¤¾ भारती, प्रतिमा कुमारी
Abstract:
यह शोध ‘‘सामान्य बच्चे एवम् बाल-अपराधी बच्चों के सामाजिक-सांवेगिक विकास का अध्ययन’’ पर कार्य किया गया है। इसके लिए उद्येष्य हेतू
सामान्य बच्चे एवं बाल अपराधी बच्चों के सामाजिक विकास के उद्येष्य
सामान्य बच्चे एवम् बाल अपराधी बच्चों के सांवेगिक विकास का अध्ययन
सामान्य बच्चे एवम् बाल अपराधी बच्चों के कुण्ठा स्तर का अध्ययन किया गया है।
मनोवैज्ञानिक परीक्षण का प्रयोग किया गया है जिसके अन्र्तगत सांवेगिक परिपक्वता मापनी- डाॅ.यषवीर सिंह एवं महेष भारगव सामाजिक परिपक्वता मापनी - डाॅ. आर.पी.श्रीवास्तव एवम् नैराष्य माप-एन. एस. चैहान एवं जी. तिवारी का शोध उपकरण के रूप में प्रयोग किया गया है वर्णात्मक शोध प्रारूप का अनुप्रयोग किया गया। प्रदत संकलन के पश्चात् साख्यिकी विश्लेषण हेतु टी-परीक्षण का प्रयोग किया गया।
शोध के निष्कर्ष हेतु पाया गया कि सामान्य बच्चे का सामाजिक विकास अधिक अच्छा होता है। जबकि बाल-अपराधी बच्चों का सांवेगिक विकास अधिक अच्छा होता है। सांवेगिक रूप से अधिक परिपक्व होते हैं। कुण्ठा स्तर का विश्लेषण किया गया तथा पाया गया कि फ्रस्ट्रेश्न रियेक्शन के अन्तर्गत सामान्य बच्चो ंमे ंअग्रेशन की प्रवृति अधिक पायी जाती है। बाल अपराधी बच्चों में फिक्षेषन एवं रेषीगनेषन की प्रवृति अधिक पायी जाती है। रीग्रेशन की प्रवृति सामान्य एवं बाल-अपराधी दोनों बच्चों में पाया जाता है।
Pages: 46-55  |  163 Views  64 Downloads
How to cite this article:
मृदुला भारती, प्रतिमा कुमारी. सामान्य बच्चे एवम् बाल अपराधी बच्चों (6-12 वर्ष) के सामाजिक-सांवेगिक विकास का अध्ययन. Int J Home Sci 2023;9(1):46-55.

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