2022, VOL. 8 ISSUE 1, PART E
मलिन बस्तियों में कामकाजी महिलाओं की आहार अंतग्र्रहण एवं पोषणीय अवस्था का एक अध्ययन (मधुबनी नगर के संबंध में)
Author(s): डाॅ. संगीता रानी, उर्मिला पंजियार
Abstract:
नगरीकरण और आद्योगिकीकरण ने जहां व्यक्तियों को विज्ञान, तकनीकी ज्ञान, शिक्षा और एक अच्छी वैज्ञानिक समझ दी है वहीं करोड़ों व्यक्तियों को नारकीय जीवन व्यतीत करने के लिए विवश किया है। मलिन बस्तीयों में स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्थिति बेहद ही दयनीय है, परिवार में अगर केवल एक व्यक्ति कमानें वाला हो तो यह और गंभीर रूप धारण कर लेता है, अतः आधुनिक समय में स्वस्थ्य एवं खुशहाल जीवन व्यतीत करनें तथा अपनें बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए इन मलिन बस्तियों की महिलाएं भी बाहर काम करना शुरू कर देती हैं। खाना बनाना और बच्चों की देखभाल अभी भी महिलाओं का ही काम माना जाता है यानी अब महिलाओं को दोहरी भूमिका निभानी पड़ रही है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत अध्ययन किया गया है जिसमें 25-40 आयु वर्ग की 80 कामकाजी महिलाओं का चुनाव दैव निर्दशन के माध्यम से किया गया, तथा भोजन अंतग्र्रहण संबंधी आदतों का पोषणीय अवस्था पर पड़नें वाले प्रभाव के बारे जानकारी प्राप्त की गई है। अध्ययन में यह पाया गया कि 52.5 प्रतिशत गृहणियों के संतानों की संख्या 2-4 के बीच जबकि एक बड़े समूह 32.5 प्रतिशत गृहणियों की संतानों की संख्या 4 से अधिक थी। अधिकांश महिलाये कुपोषण की शिकार थीं जिसमें सबसे अधिक अल्पभारिता की शिकायत थी। मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य सेवाओं एवं स्वच्छता का सर्वथा अभाव पाया जाता है, जिससे कुपोषण होनें का खतरा अधिक रहता है, अधिकांश कामकाजी महिलाएं आ.डी.ए. से कम ऊर्जा, प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए तथा विटामिन सी का सेवन कर रही हैं जिसकी वजह से अधिकांश महिलाओं की पोषणीय स्थिति खराब थी। अतः यह आवश्यक है कि कामकाजी महिलाओं के विकास के लिए किये जानें वाले प्रयास के तहत इनकी पोषणीय अवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाय, तथा इसके लिए योजना बनानें की आवश्यकता है।
How to cite this article:
डाॅ. संगीता रानी, उर्मिला पंजियार. मलिन बस्तियों में कामकाजी महिलाओं की आहार अंतग्र्रहण एवं पोषणीय अवस्था का एक अध्ययन (मधुबनी नगर के संबंध में). Int J Home Sci 2022;8(1):289-293.