International Journal of Home Science
2020, VOL. 6 ISSUE 3, PART C
माताओं का अपनी किशोर बालिकाओं के साथ माधà¥à¤°à¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§
Author(s): डॉ निशा कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract:
बचपन और वयसà¥à¤•à¤¤à¤¾ के बीच के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ समय को ही किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ कहा जाता है| यह अवसà¥à¤¥à¤¾ मानव-जीवन की सबसे सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® अवसà¥à¤¥à¤¾ है| किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ की ओर बà¥à¤¤à¥‡ समय किशोर और किशोरियों में हारà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¸ के सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ की वजह से शारीरिक, मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और सामाजिक बदलाव होते हैं| विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संगठन (WHO) के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ये बदलाव लगà¤à¤— 10 से 19 वरà¥à¤· के बीच तक जारी रहता है| माताओं को अपनी किशोर बालिकाओं के साथ अतà¥à¤¯à¤‚त ही मधà¥à¤°à¤¤à¤¾ के साथ इस बदलाव के समय में उसका खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखना होता है|
How to cite this article:
डॉ निशा कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. माताओं का अपनी किशोर बालिकाओं के साथ माधà¥à¤°à¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§. Int J Home Sci 2020;6(3):127-128.