2020, VOL. 6 ISSUE 3, PART B
Abstract:किसी à¤à¥€ वृदà¥à¤§ महिला को अपने दैनिक कारà¥à¤¯ करने
, बिमारियों की रोकथाम तथा सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहने के लिठअचà¥à¤›à¥‡ à¤à¥‹à¤œà¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। लेकिन फिर à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡ संसार में किसी अनà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में महिलाओं को कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। इसके कारण थकावट
, कमजोरी
, अशकà¥à¤¤à¤¤à¤¾ और बà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ हो सकता है।à¤à¥à¤–मरी और अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¥‹à¤œà¤¨ न खा पाने के अनेक कारण हैं। इनमें सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– है गरीबी या आरà¥à¤¥à¤¿à¤•-तंगी।
गरीबी रेखा का सबसे अधिक कà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ महिलाओं पर पड़ता है । à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहोता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि चाहे खाने के लिठकितना à¤à¥€ कम हो, महिलाओं को सबसे कम à¤à¥‹à¤œà¤¨ मिलता है । महिलाà¤à¤‚ तà¤à¥€ à¤à¥‹à¤œà¤¨ करती हैं जब पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ व बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने खा लिया हो अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ वे सबसे अनà¥à¤¤ में खाती हैं । इसलिठà¤à¥à¤–मरी तथा कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ की समसà¥à¤¯à¤¾ का तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता है जब तक कि सामाजिक à¤à¤•à¤°à¥‚पता, लिंग-विà¤à¥‡à¤¦, जमीन व अनà¥à¤¯ संसाधनों का नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• वितरण नहीं होता है और महिलाओं को पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के बराबरी का दरà¥à¤œà¤¾ नहीं मिलता है ।