International Journal of Home Science
2018, VOL. 4 ISSUE 3, PART D
अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति के किशोर à¤à¤µà¤‚ किशोरियों में सामाजिक परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ व उपलबà¥à¤§à¤¿ अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s): सीमा पाठक, नीलमा कà¥à¤à¤µà¤°
Abstract:
किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ बालक के विकास का वह मंच है जिसमें बालक समाज में परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ की ओर बà¥à¤¤à¤¾ है। समाज के लोगों के साथ समायोजन करता है तथा उसे इसमें कई समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ आती हैं और उससे हमारा समाज यह उमà¥à¤®à¥€à¤¦ करता है कि वह सामाजिक रूप से जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°, वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° कà¥à¤¶à¤², बौदà¥à¤§à¤¿à¤• कौशल और समाज में à¤à¤• नागरिक की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤“ं को धारण करने के अनà¥à¤°à¥‚प विकसित हो चà¥à¤•à¤¾ है तथा वह अपनी आयॠके अनà¥à¤°à¥‚प समाज के लोगों के साथ परिपकà¥à¤µ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करके पूरà¥à¤£à¤°à¥‚प से किशोर बनकर समाज के लिठतैयार हो चà¥à¤•à¤¾ है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° समाज उसमें सामाजिक परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ तथा सामाजिक वातावरण में समायोजन करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ देता है जो सामाजिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करने और सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° तथा सामाजिक रीति रिवाजों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° किशोरों को विकसित करने में सहायता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। इसलिठकिशोरों को समाज के अनà¥à¤°à¥‚प तथा समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किठजाने और सामाजिक परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ को लाने के लिठअपने वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में परिवरà¥à¤¤à¤¨ करना होगा तथा पपिकà¥à¤µà¤¤à¤¾ के सबूत देने होंगे।
How to cite this article:
सीमा पाठक, नीलमा कà¥à¤à¤µà¤°. अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति के किशोर à¤à¤µà¤‚ किशोरियों में सामाजिक परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ व उपलबà¥à¤§à¤¿ अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Home Sci 2018;4(3):208-210.