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2025, VOL. 11 ISSUE 2, PART C

रोग निरोधक क्षमता का प्रमुख सहायकः पोषण

Author(s): नीलू
Abstract:
स्वास्थ्य मानव की अमूल्य निधि है। पोषण हमारी प्राथमिक आवश्यकता है। स्वस्थ एवं सशक्त शरीर का निर्माण उचित पोषण पर निर्भर करता है। रोग-निरोधक क्षमता का अर्थ है-‘‘शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने की क्षमता।’’
रोग निरोधक क्षमता को कायम रखने के लिए हमारे भोज्य-पदार्थों में कुछ पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जो भोजन के विशिष्ट अवयव कहे जाते हैं। रोग-निरोधक क्षमता को बनाये रखने के लिए भोज्य-पदार्थ में निम्नलिखित प्रमुख तत्व को शामिल करना अति आवश्यक हैः-
• शरीर निर्माण पोष्क तत्त्व-प्रोटीन
• ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक तत्त्व-कार्बोहाइड्रेट, वसा
• रक्षात्मक पोषक तत्त्व-विटामिन, जल
• शरीर के अस्थि निर्माणक पोषक तत्त्व-खनिज लवण

उपर्युक्त पौष्टिक तत्त्वों का ध्यान रखकर पोषक युक्त आहार का चयन करना आवश्यक है। क्योंकि पोषण द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों से बचने की क्षमता शरीर में विकसित होता है।

Pages: 204-207  |  48 Views  32 Downloads


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How to cite this article:
नीलू. रोग निरोधक क्षमता का प्रमुख सहायकः पोषण. Int J Home Sci 2025;11(2):204-207.

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