Contact: +91-9711224068
International Journal of Home Science
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

Impact Factor: Impact Factor (RJIF): 5.66

Peer Reviewed Journal

International Journal of Home Science

2025, VOL. 11 ISSUE 1, PART F

वस्त्र एवं परिधान की संरचना एवं विकास के विविध आयाम

Author(s): डाॅं. रेनु बोस
Abstract:
भारत के कपडे उच्च गुणवत्ता और सस्ती कीमत के कारण विश्व के अन्य देशों द्वारा आयात किये जातें हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 2021 तक भारतीय कपड़ा उद्योग का मूल्य 223 बिलियन डॉलर है। टेक्सटाइल उद्योग में प्रमुख स्थान कपास और जूट के उत्पादन का है, रेशम में दूसरा सबसे बड़ा, और विश्व स्तर पर हाथ से बुने हुए कपड़े का 95 प्रतिशत भारत से है। टेक्सटाइल का निर्यात अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2021 तक 22.80 बिलियन डॉलर रहा जिसमें से सभी प्रकार के रेडी मेड कपड़े शामिल हैं। 5 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो जाएगी। भारतीय कपड़ा उद्योग की संरचना और विकास भारत का कपड़ा उद्योग अर्थव्यवस्था के सब से बड़े उद्योगों में से एक है। 2000/01 में, कपड़ा और परिधान उद्योगों का जीडीपी का लगभग 4 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पादन का 14 प्रतिशत, औद्योगिक रोजगार का 18 प्रतिशत और निर्यात आय का 27 प्रतिशत (हाशिम) था।
Pages: 425-428  |  105 Views  67 Downloads


International Journal of Home Science
How to cite this article:
डाॅं. रेनु बोस. वस्त्र एवं परिधान की संरचना एवं विकास के विविध आयाम. Int J Home Sci 2025;11(1):425-428.

International Journal of Home Science
Call for book chapter