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2024, VOL. 10 ISSUE 2, PART C

पूर्व-बाल्यावस्था में बालक एवं बालिकाओं के शारीरिक विकास का तुलनात्मक अध्ययनः (छपरा जिला के संदर्भ में)

Author(s): डाॅ. रेनू कुमारी और रेणु कुमारी सिंह
Abstract:
आधुनिक समय में बिहार हर क्षेत्र में अपना तीब्र गति से विकास कर रहा है, फिर भी इस राज्य के ग्रामीण परिवेश में अशिक्षा तथा पोषणीय अज्ञानता के कारण वर्तमान समय में भी यहाॅं के बच्चों का सर्वांगीण विकास बाधित हो रहा है, जिसके फलस्वरूप अधिकांश बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं, यहाॅं पर बालिकाओं की पोषण्यीय स्थिति काफी चिन्तनीय है, क्योंकि बहुत सारे अध्ययनों से यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ है कि बिहार में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं में कुपोषण का प्रचलन काफी अधिक है। छपरा जिला के ग्रामीण क्षेत्र छपरा जिले के गरखा प्रखण्ड के पाॅंच पंचायतो से 2-5 आयु वर्ग के 95 उत्तरदाता (47 बालक एवं 48 बालिका) का चुनाव दैव निर्दशन के माध्यम से किया गया तथा इस शोध कार्य के लिए सर्वेक्षणात्मक विधि का प्रयोग किया गया। अध्ययन में यह पाया गया कि परिवार में बच्चों की संख्या से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करनें पर यह स्पष्ट होता है कि 33.68 प्रतिशत उत्तरदाताओं के परिवार में 3 से कम बच्चे थे तथा शेष 66.32 प्रतिशत के परिवार में 3 से अधिक बच्चे थे। वर्तमान अध्ययन में बालक और बालिकाओं के औसत लंबाई में कुछ अंतर जरूर पाया गया लेकिन कुल उत्तरदाताओं में तीन चैथाई से अधिक उत्तरदाताओं की उम्र के अनुसार लंबाई सामान्य पाई गई। आयु के अनुसार वनज में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की स्थिति खराब थी कुल 54.74 प्रतिशत उत्तरदाताओं का आयु के अनुसार वनज सामान्य नहीं पाया गया। इस प्रकार यह स्पष्ट होता है छपरा जिला के बालक और बालिकाओं की पोषणीय स्थिति चिन्ताजनक है तथा इनमें बालिकाओं की पोषणीय स्थिति काफी चिन्ताजनक है।
Pages: 175-178  |  281 Views  182 Downloads


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How to cite this article:
डाॅ. रेनू कुमारी और रेणु कुमारी सिंह. पूर्व-बाल्यावस्था में बालक एवं बालिकाओं के शारीरिक विकास का तुलनात्मक अध्ययनः (छपरा जिला के संदर्भ में). Int J Home Sci 2024;10(2):175-178.

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