International Journal of Home Science
2023, VOL. 9 ISSUE 3, PART C
बच्चों के अधिगम पर परवरिश शैली का प्रभाव
Author(s): सोनी कुमारी सिंह
Abstract:
बच्चे के जीवन के शुरूआती साल उनके बढ़ने और विकास की नींव रखते हैं। मस्तिष्क का शुरूआती विकास तय करता है कि आपका बच्चा कैसे सोचेगा, सीखेगा और व्यवहार करेगा। बच्चे अधिगम द्वारा नई क्रियाओं को सीखता है। बच्चों के अधिगम पर परवरिश शैली का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से पड़ता है। परवरिश शैलियो को अस्तित्व में लाने का श्रेय डायना वोमरिंड को जाता है। इस अध्ययन का उदेश्य है कि परवरिश शैली से संबंधित किये गये शोध का विस्तृत अध्ययन, परवरिश के भिन्न-भिन्न शैलियों का जानकारी देना तथा परवरिश के अच्छी शैलियों के प्रति जागरूक करना। बच्चों और माता-पिता का परस्पर संबंध परवरिश के पहलू हैं। परवरिश की सबसे अच्छी शैली अथाॅरिटेटिव शैली है, जिसमें माता-पिता के साथ बच्चे का घनिष्ठ संबंध होते हैं। परिणाम और विचार-विमर्श में देखने को मिला कि परवरिश शैली सिर्फ आपके बच्चे ही नहीं भविष्य में बच्चे के बच्चे की परवरिश में भी बड़ा योगदान निभाएगी, क्योंकि आपका बच्चा आज जो आप से सीखेगा भविष्य में अपने बच्चों पर भी वही लागू करेगा। सुझाव में यही कहना है कि बच्चों को घर-बाहर की दुनिया के बारे में हर एक चीजों को सीखाएं, अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष के रूप में यह देखने को मिली कि मुख्य रूप से माताएं बच्चों की देखभाल करती हैं जबकि पिता परवरिश में बहुत कम शामिल होते हैं, साथ ही लड़कियों और लड़को को बहुत छोटी उम्र से ही अलग तरह से पाला जाता है जहाँ लड़कियों पर घर के कामों के बोझ के साथ-साथ उनके पिता द्वारा रोजमर्रा की ज्यादातर पाबंदियाँ लगाई जाती है अतः लड़के और लड़कियों के बीच सकारात्मक सोच उत्पन्न करें। बच्चों को पूरा लाड़-प्यार दें तथा तनाव उत्पन्न करने वाले कारणों का पता करके उस पर अंकुश लगायें, हमेशा ध्यान रखें कि छोटी सी दरार गहरी खाई का रूप लेने न पाये।
How to cite this article:
सोनी कुमारी सिंह. बच्चों के अधिगम पर परवरिश शैली का प्रभाव. Int J Home Sci 2023;9(3):202-205.