International Journal of Home Science
2023, VOL. 9 ISSUE 1, PART C
बच्चों के शारीरिक विकास पर कुपोषण का प्रभाव.बिहार के बक्सर जिले के सन्दर्भ में
Author(s): पूजा कुमारी
Abstract:
बच्चे देश का भविष्य होते हैं। जब बच्चे शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ हो तभी देश का विकास सम्भव है। बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिल पाने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। कुपोषण से बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास अवरुद्ध हो जाता हैं जिसका प्रभाव जीवन भर रहता हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य उत्पादक देश हैं। इस के बाबजूद देश की एक बड़ी आबादी कुपोषण से ग्रसित हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर वर्ष पांच वर्ष से कम उम्र के मरने वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी अधिक हैं। प्रस्तुत शोध बच्चों के शारीरिक विकास पर कुपोषण का प्रभाव - बिहार के बक्सर जिले के सन्दर्भ में पर आधारित हैं। इस शोध कार्य में बिहार के बक्सर जिला के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के बच्चों पर अध्ययन किया गया हैं। इस अध्ययन के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु प्राथमिक एवं द्वितीय श्रोतों के आधार पर अंतिम रूप दिया गया हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि बच्चों मे कुपोषण असंतुलित आहार, गरीबी, अशिक्षा, भेद-भाव, सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में त्रुटि आदि कारणों से जुड़ा हुआ हैं। प्रस्तुत शोध के परिणाम स्वरूप इस समस्या के उन्मूलन के लिए यह आवश्यक है कि इसके मूल कारणों को समाप्त करने हेतु सामूहिक रूप से वांक्षित प्रयास से किये जाए ताकि बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास पूर्ण रूप से हो सके।
How to cite this article:
पूजा कुमारी. बच्चों के शारीरिक विकास पर कुपोषण का प्रभाव.बिहार के बक्सर जिले के सन्दर्भ में. Int J Home Sci 2023;9(1):163-166.