International Journal of Home Science
2022, VOL. 8 ISSUE 2, PART A
पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की पोषण स्थिति का अध्ययन (नैनीताल जिले के सन्दर्भ में)
Author(s): पूजा पोखरिया, प्रो. लता पाण्डे
Abstract:
गर्भावस्था एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अवस्था है। इस समय पोषण तत्त्वों की आवश्यकता में वृद्धि हो जाती है शिशु जन्म से पूर्व नौ माह तक अपनी पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति हेतु पूरी तरह माँ पर आश्रित रहता है। इस प्रकार माता को अपने पोषण सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ भावी शिशु की भी आवश्यकता को पूरा करना पड़ता है। प्रस्तुत शोध में पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की पोषण स्थिति का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोध उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जिले में किया गया है शोध हेतु नैनीताल जिले से 4 विकाखण्डों का चयन किया गया है शोध कार्य यादृच्छिक विधि (Random Sample) द्वारा किया गया है। इस प्रकार कुल 200 ग्रामीण गर्भवती महिलाओं का चयन किया गया। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की पोषण स्थिति का अध्ययन करना हेैं। अध्ययन में यह पाया कि पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं का कुल औसत BMI21-33±0-36 था। अध्ययन में देखा गया कि ग्रामीण गर्भवती महिलायें विभिन्न तिमाही में अनुशंसित आहार भत्ते से अधिक प्रोटीन ग्रहण कर रही थीं। क्योंकि ग्रामीण गर्भवती महिलायें उत्तराखण्ड के मोटे अनाजों का उपयोग अपने आहार में अधिक कर रही थीं। 65.5 प्रतिशत गर्भवती महिलायें अनुशंसित आहार भत्ते (RDA) की तुलना में कम ऊर्जा (किलो कैलोरी) ग्रहण कर रही थी, 39.5 प्रतिशत अनुशंसित आहार भत्ते (RDA) के बराबर कैल्शियम का सेवन कर रही थी, 48 प्रतिशत अनुशंसित आहार भत्ते (RDA) की तुलना में कम आयरन का सेवन कर रही थीं।
How to cite this article:
पूजा पोखरिया, प्रो. लता पाण्डे. पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की पोषण स्थिति का अध्ययन (नैनीताल जिले के सन्दर्भ में). Int J Home Sci 2022;8(2):26-28. DOI:
10.22271/23957476.2022.v8.i2a.1282