International Journal of Home Science
2021, VOL. 7 ISSUE 3, PART D
वर्तमान परिपेक्ष्य में गृहणी सशक्तिकरण का एक गवेषणात्मक अध्ययन (स्वास्थ्य एवं पोषणीय जागरूकता के संबंध में)
Author(s): गीता सिंहा
Abstract:
राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्त्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरुकता लाने के लिये मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि जैसे कई सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं, लेकिन आज भी महिलाओं की पोषणीय स्थिति चिंताजनक है और इस क्षेत्र में विकास की जरुरत है। महिला सशक्तिकरण के लिये पोषण, आहार एवं स्वास्थ्य सेवाओं को भी समग्र रूप से शामिल किए जाने की आवश्यकता हैं। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत अध्ययन किया गया है जिसमें 25-40 आयु वर्ग की 120 गृहणियों का चुनाव दैव निर्दशन के माध्यम से किया गया, तथा भोजन अंतग्र्रहण संबंधी आदतों का पोषणीय अवस्था पर पड़नें वाले प्रभाव के बारे जानकारी प्राप्त की गई है। अध्ययन में यह पाया गया कि उत्तरदाताओं में केवल 31.67 प्रतिशत गृहणियों की पोषणीय स्थिति सामान्य थी। नियमित तथा अनियमित रूप से फल एवं हरी सब्जी का सेवन करनें वाली गृहणियों की पोषणीय स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करनें से यह स्पष्ट होता है कि नियमित रूप से सेवन करनें वाली गृहणियों की पोषणीय स्थिति अनियमित रूप से फल एवं सब्जी का सेवन करनें वाली गृहणियों की अपेक्षा अच्छी है, इसके साथ ही मोटापा तथा अधिक भारिता की शिकायत भी देखनें को मिला है, जिनकी संख्या अनियमित रूप से फल एवं हरी सब्जी का सेवन करनें वाली गृहणियों में अधिक थी। अध्ययन से यह स्पष्ट हो रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले में गृहणियों आज भी संतुलित आहार नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से यहाॅं पर अधिकांश महिलाएं कुपोषित है, जिसका नकारात्मक असर उनकी भावी पीढ़ी पर पड़ने ंके साथ-साथ हमारे समाज तथा देश पर भी पड़ रहा है, अतः यह आवश्यक है कि गृहणी सशक्तिकरण के लिए किये जानें वाले प्रयास के तहत इनकी पोषणीय अवस्था को और सुधारा जाये, तथा इसके लिए व्यापक अभियान चलाये जानें की आवश्यकता है।
How to cite this article:
गीता सिंहा. वर्तमान परिपेक्ष्य में गृहणी सशक्तिकरण का एक गवेषणात्मक अध्ययन (स्वास्थ्य एवं पोषणीय जागरूकता के संबंध में). Int J Home Sci 2021;7(3):226-230.