International Journal of Home Science
2020, VOL. 6 ISSUE 3, PART E
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण में अधिनियम- 2012 की भूमिका, हजारीबाग जिले के संदर्भ में
Author(s): भारती नयन
Abstract:
संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा अंगीकृत बालकों के अधिकारों से संबंधित अधिनियम को, जो बालको के सर्वोतम हित की सुरक्षित करने के लिए सभी राज्य पक्षकारों द्वारा पालन किये जाने वाले मानको को विहित करता है, भारत सरकार ने 11 दिसम्बर 1992 को अंगीकृत किया है। बालकों के उचित विकास के लिए यह आवष्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उसकी निजता और गोपनीयता के अधिकार का सभी प्रकार से तथा बालकों को अंतर्वलित करने वाली न्यायिक प्रक्रिया के सभी प्रक्रमों के मध्यम से संरक्षित और सम्मानित किया जाये । लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न और अष्लिल साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिए विषेष न्ययालयों की स्थापना तथा उनसे संबंधित या आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने के लिए अधिनियम है। संविधान के अनुच्छेद-15 का खण्ड (3), अन्य बातों के साथ राज्य के बालकों के लिए विषेष उपबंध करने के लिए सषक्त करता है।
How to cite this article:
भारती नयन. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण में अधिनियम- 2012 की भूमिका, हजारीबाग जिले के संदर्भ में. Int J Home Sci 2020;6(3):276-277. DOI:
10.22271/23957476.2020.v6.i3e.1046