2019, VOL. 5 ISSUE 3, PART E
Abstract:बाल्यावस्था जीवन का अनोखा काल है ।वास्तव में जीवन का वह स्वर्णिम समय है जिसमें उसका सर्वांगीण विकास होता है । खास कर बच्चों में 6-12 वर्ष का समय बच्चों के लिए अति महत्वपूर्ण काम होता है । क्योंकि इस काल में बच्चों में विभिन्न प्रकार के आदतों का विकास होता है । ये आदत गलत और सही दोनों प्रकार के हो सकते है । जहाँ सही एवं अच्छी आदतों से बच्चों का उचित विकास होता है ठीक इसके विपरित गलत और अनुचित व्यवहार से बच्चों का विकास बाधित हो जाता है । इस शोध के अन्तर्गत प्रत्यक्षीकरण मापनी का निर्माण किया गया तथा बच्चों के व्यवहारों से संबंधित सभी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए प्रत्यक्षीकरण सूची तैयार की गई । शोधकर्ता द्वारा अध्ययन कार्य में आॅकड़ों के विश्लेषण हेतु वर्णात्मक विश्लेषण का प्रयोग एवं सोउद्देश्यपूर्ण न्यायदर्श प्रणाली का अनुप्रयोग किया गया । तत्पश्चात विश्लेषण के उपरान्त स्पष्ट हुआ कि 24ः बच्चों को चोरी करने की आदत है । जबकि 76ः बच्चे ऐसे है जो चोरी नही करते हैं 46ः बच्चे झूठ बोलते है । जबकि 54ः ऐसे बच्चे है जो झूठ नहीं बोलते, 24ः बच्चों में अंगुठा चुसने की आदत है ।परन्तु 76 बचचों में अंगुठा चुसने की आदत नहीं है । 30ः बच्चों में मुँह से नाखुन काटने की आदत है जबकि 70ः बच्चों की आदत नहीं है । 30ः बच्चों में मुँह से नाखुन काटने की आदत है जबकि 70ः बच्चे ऐसा नहीं करते एवं 40ः बच्चों में बिस्तर गीला करने की आदत है जबकि 60ः बच्चों में बिस्तर गीला करने की आदत नहीं है ।