2019, VOL. 5 ISSUE 2, PART H
Abstract:खेल बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की जिनà¥à¤¦à¤—ी का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हिसà¥à¤¸à¤¾ है। यह बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सरà¥à¤µà¤¾à¤—ीण विकास के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है।खेल पà¥à¤¾à¤ˆ के माधà¥à¤¯à¤® की नींव है। ये बचà¥à¤šà¥‡ को अकेले रहना व समूह के साथ सामजंसà¥à¤¯ करना सिखाते हैं।खेल बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैंा शैकà¥à¤·à¤¿à¤• खिलौनों के माधà¥à¤¯à¤® से बचà¥à¤šà¥‡ आकार, रंग पहचानना, गिनती सीेखना, कहानी व कविता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं।महंगे व बाजार से खरीदे गये खिलौने ही बचà¥à¤šà¥‡ के विकास के लिये आवशà¥à¤¯à¤• हैं। à¤à¤¸à¤¾ नहीं है घर में उपलबà¥à¤§ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं से à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤—ी वसà¥à¤¤à¥à¤“ं से à¤à¥€ खिलौने बनाठजा सकते हैं वे à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को उतनी ही पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं जितने बाजार से लाठगठखिलौने।
उतà¥à¤¸à¥à¤•à¤¤à¤¾ और खोज को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने के लिठकासà¥à¤Ÿ फà¥à¤°à¥€ खिलौने वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ माने जाने वाली वसà¥à¤¤à¥à¤“ं से बनाठजा सकते हैं और इनके माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¥€ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बहà¥à¤¤ सी चीजें़ सिखाई जा सकती है।