International Journal of Home Science
2019, VOL. 5 ISSUE 2, PART F
बालकों में बà¥à¤¤à¥‡ अपराध à¤à¤µà¤‚ उनके निराकरण के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸
Author(s): नीलम शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ, नीलमा कà¥à¤à¤µà¤°, तृपà¥à¤¤à¤¿ सिंह
Abstract:
बाल अपराध कई शताबà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से हर समाज में पायी जाने वाली à¤à¤• सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• समसà¥à¤¯à¤¾ है। अपराध, बालक में निहित जनà¥à¤®à¤¾à¤¤ या अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के आधार पर शारीरिक, मानसिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• व सामाजिक आदि कारकों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जाता है। किसी अपराधी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अपने सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° इचà¥à¤›à¤¾ की पूरà¥à¤¤à¤¿ व सà¥à¤– पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठवह अपराध करता है। कà¥à¤› अपराधी जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ होते हैं और कà¥à¤› समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपराध करने हेतॠपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किठजाने के कारण अपराधी बनते हैं। बाल अपराधियों की उन शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की ओर बल देती है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ के नियंतà¥à¤°à¤£ से बाहर हैं। बाल अपराध की समसà¥à¤¯à¤¾ हर यà¥à¤—ों में पायी गयी है। हर समाज में à¤à¤¸à¥‡ बालक होते हैं जो अपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के दोषी होते हैं। यह à¤à¤• सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• सामाजिक समसà¥à¤¯à¤¾ है।
How to cite this article:
नीलम शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ, नीलमा कà¥à¤à¤µà¤°, तृपà¥à¤¤à¤¿ सिंह. बालकों में बà¥à¤¤à¥‡ अपराध à¤à¤µà¤‚ उनके निराकरण के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸. Int J Home Sci 2019;5(2):364-365.