International Journal of Home Science
2019, VOL. 5 ISSUE 1, PART A
बच्चों के नैतिक विकास में माता-पिता की भूमिका
Author(s): तब्बसुम खान एवं नीलमा कुँवर
Abstract:
नैतिक विकास न तो जैविक है और ना ही आर्थिक, बल्कि इस विकास की कसौटी मानव आनंद है। विवेक और नैतिक मूल्यों का विकास समाजीकरण की प्रक्रिया में तत्काल ही प्रारम्भ हो जाता है। समाज के नैतिक आदर्श, सामाजिक संस्थायें और परम्परायें इन तीनों का सामंजस्य करना ही नैतिक जगत् नैतिक विकास है। बहुत से मनोवैज्ञानिकों का विश्वास है कि प्रतिरूपण की प्रक्रिया से पुरस्कार और दण्ड का बोध होता है और बालकों को सही गलत का बोध कराते हैं। यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहती है।
How to cite this article:
तब्बसुम खान एवं नीलमा कुँवर. बच्चों के नैतिक विकास में माता-पिता की भूमिका. Int J Home Sci 2019;5(1):28-29.