International Journal of Home Science
2019, VOL. 5 ISSUE 1, PART A
उत्तर बाल्यावस्था के बालक एवं बालिकाओं के नैतिक स्तर पर सामाजिक-आर्थिक स्तर का प्रभाव
Author(s): तब्बसुम खान एवं नीलमा कुँवर
Abstract:
उत्तर बाल्यावस्था नैतिक विकास की एक महत्वपूर्ण अवस्था है। जहां बालक एक ओर तो अपनी मूलभूत आवश्कताओं को तीव्रता के अनुसार पूर्ण करना चाहता है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक दबाव के कारण उचित व्यवहार द्वारा एक विशेष कार्यशैली विकसित करना चाहता है। उसके परिवेश के व्यक्ति अर्थात् माता-पिता, शिक्षक एवं अड़ोस-पड़ोस सदैव उसे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्या करना चाहिए तथा क्या नहीं करना चाहिए, इस बात के लिए शिक्षित करते रहते हैं। बालक कल के आने वाले भविष्य का नागरिक व प्रणेता होता है। एक समाज का कर्तव्य उसका भविष्य निर्धारित करना, निर्माण करना, उन्हें सही पथ-प्रदर्शन देना, उसका सही तरीके से पालन-पोषण करना, उन्हें अपने कार्यों के प्रति सही दिशा व उचित शिक्षा देना, उसमें आदर्श चारित्रिक एवं नैतिकता का विकास करना है।
How to cite this article:
तब्बसुम खान एवं नीलमा कुँवर. उत्तर बाल्यावस्था के बालक एवं बालिकाओं के नैतिक स्तर पर सामाजिक-आर्थिक स्तर का प्रभाव. Int J Home Sci 2019;5(1):26-27.